आप क्या चाहते हैं, मैं किसानों के साथ अनशन पर बैठूं -विधायक मनीषा सिंह,। (विधायक ने भूमि अधिग्रहण के मामले मे जीएम को दिया अल्टीमेटम)

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विधायक ने भूमि अधिग्रहण के मामले मे जीएम को दिया अल्टीमेटम,
“आप क्या चाहते हैं, मैं किसानों के साथ अनशन पर बैठूं -विधायक मनीषा सिंह
शहडोल/धनपुरी (Ravi tripathi)
जैतपुर विधानसभा क्षेत्र की विधायक मनीषा सिंह ने एसईसीएल सोहागपुर एरिया के जीएम पी कृष्णा को भूमि के बदले नौकरी और मुआवजा के मामले में अल्टीमेटम दिया है। विधायक ने जीएम से पूछा कि आप क्या चाहते हैं मैं खुद किसानों के साथ धरने पर बैठूंगी, तब आप किसानों के हित में काम करेंगे क्या। इस पर जीएम ने विधायक को सफाई देते हुए कहा कि काम चल रहा है, दस्तावेजों में कुछ कमी के कारण रफ्तार धीमी है, हम उसे तेज करने का प्रयास करते हैं।
{ प्रबंधन पर वादाखिलाफी और अनसुनी के आरोप }
विधायक ने जीएम पर अनसुनी करने का भी आरोप लगाया। विधायक ने कहा कि कॉलरी प्रबंधन कास्तकारों के साथ बैठक कर लेता है लेकिन उसमें हुए निर्णयों को अमल नहीं करता है। जिसका विपरीत असर जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के अधिकारियों के ऊपर पड़ रहा है।
गौरतलब है कि सोहागपुर एरिया कि कॉलरी प्रभावित गांव में जिन काश्तकारों की भूमि का अधिग्रहण कॉलरी प्रबंधन की ओर से किया गया है। उन्हें समय पर मुआवजा और रोजगार नहीं मिल रहा है। वे सालों से कॉलरी और राजस्व विभाग के चक्कर काट रहे है, जिस कारण उनका आक्रोश फूट रहा है।
{ काश्तकारों से मिलने बुलाया था जीएम को }
भाजपा की ओर से छिरहटी में विजय बूथ संकल्प अभियान आयोजित किया गया था। जिसमें कॉलरी प्रभावित काश्तकारों को भी शामिल होना था। उनकी कई समस्याएं कोल प्रबंधन के तरफ से थी। जब यह बात खैरहा भाजपा मंडल अध्यक्ष विपुल सिंह की ओर से विधायक मनीषा सिंह को बताई गई तो विधायक ने पार्टी के कार्यकर्ताओं और किसानों को आश्वासन दिया कि सोहागपुर जीएम को काश्तकारों के बीच बुलाकर उनसे परिस्थितियों के बारे में चर्चा की जाएगी। इस बात से काश्तकार संतुष्ट हो गए थे।
{ जनप्रतिनिधियों से नाफरमानी पर उतारू काॅलरी प्रबंधन }
विधायक ने जीएम को छिरहटी आने का संदेश भी दे दिया, इसके बाद भी जीएम विधायक के बुलावे पर प्रभावित काश्तकारों से मिलने नहीं पहुंचे। विधायक ने कहा कलेक्टर के आते ही बैठूंगी।
जैतपुर विधायक मनीषा सिंह ने बताया कि मैंने जीएम को कहा है कि अभी कलेक्टर छुट्टी पर है, उनके आते ही मैं एक संयुक्त बैठक आयोजित करवाउंगी।
उस बैठक में जनप्रतिनिधियों के साथ काश्तकार और कॉलरी प्रबंधन के अधिकारी शामिल होंगे। इस बैठक में किसानों की एक-एक फाइल पर चर्चा करेंगे और उनसे पूछेंगे कि संबंधित काश्तकार की फाइल में अभी कितना समय लगेगा। सामान्य बैठक में हुए निर्णय का असर कॉलरी प्रबंधन पर नहीं पड़ रहा है वे अपनी मनमानी पर उतारु हैं।

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