लंबित मांगों को लेकर मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों की हड़ताल से चरमरा सकती हैं स्वास्थ्य सेवाएं, गुरुवार को 2 घंटे बंद रही ओपीडी, शुक्रवार से अनिश्चितकाल तक के लिए सेवा नहीं देंगे चिकित्सक

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शहडोल। सादिक खान
शहडोल। अपनी लम्बित मांगों को लेकर मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने गुरूवार को 2 घंटे तक ओपीडी , आईपीडी सहित सभी काम बंद रखा। सुबह 10 से 12 बजे तक विरोध प्रदर्शन चलता रहा । जिसके बाद मेडिकल कॉलेज के डीन के पास हड़ताली डॉक्टर पहुंचे और ज्ञापन सौंपा है। जिसमें कहा गया है कि 17 फरवरी से अनिश्चित काल के लिए मेडिकल कॉलेज के अस्पताल की हर प्रकार की सेवाएं बंद कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा । हालांकि इमरजेंसी सेवाओं को यथावत चालू रखने की भी बात हड़ताली डॉक्टरों ने कही है।
गोरतलब है की प्रदेश भर के शासकीय चिकित्सा महाविद्द्यालयो में पदस्थ चिकित्सको ने अपने अधिकारों की रक्षा की मांग को लेकर आंदोलन का शंखनाद दो दिन पहले किया था । बुधवार से शुरू हुए आंदोलन में अन्य चिकित्सा महाविद्द्यालयो के चिकित्सको के साथ साथ संभागीय मुख्यालय शहडोल स्थित शासकीय बिरसा मुंडा चिकित्सा महाविद्द्यालय के चिकित्सक भी शामिल है। अपनी पूर्व घोषणा के तहत बुधवार से यहां से भी चिकित्सको ने आंदोलन शुरु कर दिया है। आंदोलनकारी चिकित्सको का कहना है कि चिकित्सक महासंघ अपने सदस्यो के अधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है | उक्त आंदोलन, सरकार का डॉक्टर्स के हितो के प्रति उदासीनता, न्यूनतम संसाधनों में कार्य करवाने की नीति ( मानव संसाधन तथा अन्य संसाधन ), तथा चिकित्सकों के प्रति असंवेदनशीलता के विरुद्ध, चिकित्सक महासंघ का बिगुल है |आंदोलन की सफलता, मध्य प्रदेश तथा देश में, चिकित्सकों का भविष्य तय करेगा।
आंदोलन से पहले तय की गई रूप रेखा
इस आंदोलन से पूर्व इसकी रूप रेखा तैयार करने चर्चा हुई । जिसमें मध्य प्रदेश चिकित्सक महासंघ के पदाधिकारियों की ऑनलाइन मीटिंग हुई जिसमे उचित एवं गहन विचार विमर्श के बाद, महासंघ द्वारा आंदोलन हेतु दिशानिर्देश जारी किये गये। तो अब प्रभावित हो सकती हैं चिकित्सा सेवाएं मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के द्वारा किए जा रहे इस आंदोलन से संभाग भर की इकलौते मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा सेवाएं चरमरा आने की आशंका बढ़ गई है क्योंकि चिकित्सकों चेतावनी दी है उसके अनुसार 17 फरवरी से संपूर्ण रूप से कार्य बंद कर दिया जाएगा । जिसमे रूटीन कार्य जैसे ओपीडी, इन–डोर, वार्ड राउंड इत्यादि के साथ साथ इमरजेंसी, एमएलसी, पोस्टमार्टम सेवाएं भी पूर्णतः बन्द रहेगी ।साथ ही शैक्षणिक, एनएमसी व एनएबीएच निरीक्षण, काउंसलिंग इत्यादि में भाग नहीं लिया जाएगा । यदि ऐसा हुआ तो दूरदराज से आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

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