इमरजेंसी ,पोस्टमार्टम समेत अन्य सेवाए बन्द करने की दी गयी चेतावनी, तीन दिवसीय आंदोलन का चिकित्सक महासंघ ने आज से किया शंखनाद

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शहडोल। सादिक खान
शहडोल। प्रदेश भर के शासकीय चिकित्सा महाविद्द्यालयो में पदस्थ चिकित्सको ने एक बार फिर अपने अधिकारों की रक्षा की मांग को लेकर आंदोलन का शंखनाद कर दिया है। आज से शुरू हुए इस तीन दिवसीय चिकित्सको के आंदोलन में अन्य चिकित्सा महाविद्द्यालयो के चिकित्सको के साथ साथ संभागीय मुख्यालय शहडोल स्थित शासकीय बिरसा मुंडा चिकित्सा महाविद्द्यालय के चिकित्सक भी शामिल है। अपनी पूर्व घोषणा के तहत बुधवार से यहां से भी चिकित्सको ने आंदोलन का शंखनाद कर दिया है। आंदोलनकारी चिकित्सको का कहना है कि चिकित्सक महासंघ अपने सदस्यो के अधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है | उक्त आंदोलन, सरकार का डॉक्टर्स के हितो के प्रति उदासीनता, न्यूनतम संसाधनों में कार्य करवाने की नीति ( मानव संसाधन तथा अन्य संसाधन ), तथा चिकित्सकों के प्रति असंवेदनशीलता के विरुद्ध, चिकित्सक महासंघ का बिगुल है |आंदोलन की सफलता, मध्य प्रदेश तथा देश में, चिकित्सकों का भविष्य तय करेगा।
आंदोलन से पहले तय की गई रूप रेखा
इस तीन दिवसीय आंदोलन से पूर्व इसकी रूप रेखा तैयार करने चर्चा हुई । जिसमें मध्य प्रदेश चिकित्सक महासंघ के पदाधिकारियों की ऑनलाइन मीटिंग हुई जिसमे उचित एवं गहन विचार विमर्श के बाद, महासंघ द्वारा आंदोलन हेतु निम्न दिशानिर्देश जारी किये गये | जिसमें प्रथम दिवस 15 फरवरी को, सुबह 8 बजे से शाम तक काली पट्टी* बाँध कर कार्य किया जा रहा है | वही 16 फरवरी को *सुबह 10 बजे से 12 बजे तक कार्य बंद किया जाएगा, जिसमे रूटीन कार्य( ओपीडी, आईपीडी,ऑपरेशन, पठन पाठन ,एमएलसी, पोस्टमार्टम) बंद किये जाएंगे तथा केवल जीवन रक्षक इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेगी* | सभी सदस्यों को अस्पताल के बाहर काली पट्टी के साथ टेंट- माइक लगाकर विरोध किया जाएगा।आंदोलन के तृतीय दिवस 17 फरवरी को सुबह 8 बजे से संपूर्ण रूप से कार्य बंद कर दिया जाएगा । जिसमे रूटीन कार्य जैसे ओपीडी, इन–डोर, वार्ड राउंड इत्यादि के साथ साथ इमरजेंसी, एमएलसी, पोस्टमार्टम सेवाएं भी पूर्णतः बन्द रहेगी ।साथ ही शैक्षणिक, एनएमसी व एनएबीएच निरीक्षण, काउंसलिंग इत्यादि में भाग नहीं लिया जाएगा ।

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