कार्यकारी ब्लाक अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद कांग्रेसियों में खुशी की लहर,हटाए गए ब्लाक अध्यक्ष जिला अध्यक्ष के विरोध में हुए लामबंद

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जिला कांग्रेस कमेटी एवं ब्लॉक कांग्रेस कमेटी गौरेला पेंड्रा में छिड़ी जंग को लेकर सोसल मीडिया में कांग्रेसी अपनी भडास निकालते दिखाई दे रहे हैं। मामला गरमाया इसलिए है कि मनोज गुप्ता जिला अध्यक्ष ने पार्टी में निष्क्रिय पड़े गौरेला के ब्लाक अध्यक्ष एवं पेंड्रा ब्लाक अध्यक्ष की जगह पार्टी में काम करने वाले बाला कश्यप को गौरेला ब्लाक का कार्यकारी ब्लाक अध्यक्ष एवं रामरतन पेंद्रो को पेंड्रा कार्यकारी ब्लाक अध्यक्ष नियुक्त किया है।इन दोनों को नियुक्त करने का मुख्य कारण यह बनता है कि एक वर्ष पूर्व जिला संगठन प्रभारी विष्णु यादव ने बैठक लेकर तीनों ब्लाक अध्यक्ष को बूथ कमेटी बनाएं जाने का निर्देश दिया था किन्तु इन दोनों ब्लाक अध्यक्ष अमोल पाठक एवं प्रशांत श्रीवास ने बूथ कमेटी का गठन नहीं किया,इन एक वर्ष के भीतर जिला संगठन ने कई बैठक बूथ कमेटी गठन के संदर्भ में किया जिसमें संगठन प्रभारी विष्णु यादव भी मौजूद रहते थे,ये दोनों ब्लाक अध्यक्ष हमेशा नदारद रहे हैं मौखिक लिखित रूप से जानकारी मांगने पर जिला कांग्रेस कमेटी को इन्होंने बूथ कमेटी की सूची नहीं दी।इन सभी विषमताओं को लेकर जिला अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने संगठन प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को अवगत कराया गया।विगत दिनों मनोज गुप्ता ने छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के शीर्ष नेताओं से चर्चा कर यहां की समस्या बताई जिस पर शीर्ष नेतृत्व ने कहा कि जिला उपाध्यक्ष महामंत्री एवं कार्याकारी ब्लाक अध्यक्षों से पार्टी का काम कराया जाए। इसी तारतम्य में जिला जीपीएम से मनोज गुप्ता ने गौरेला ब्लाक एवं पेंड्रा ब्लाक में कार्यकारी अध्यक्ष एवं जिला उपाध्यक्ष एवं जिला महामंत्री को जिम्मेदारी सौंप कर और बूथ कमेटी का गठन जल्द से जल्द करने का निर्देश दिया।पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के आदेश अनुसार मनोज गुप्ता ने विगत दिनों जिला कांग्रेस की बैठक ली जिला उपाध्यक्ष एवं महामंत्री एवं कार्यकर्ताओं की रायशुमारी कर आगामी चुनाव के मद्देनजर पार्टी के कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया।अभी तक शांत पड़े इन दोनों ब्लाक अध्यक्ष अपनी कुर्सी खिसकती देख जिलाध्यक्ष के विरुद्ध लामबंद हो रहे हैं।कांग्रेस पार्टी के सूत्र बताते हैं कि आज एक वर्ष पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पार्टी के संगठनात्मक चुनाव को लेकर घोषणा की थी तब से ये दोनों ब्लाक अध्यक्ष जिला अध्यक्ष बनने की महत्त्वकांक्षा पालने लगे जिस कारण से इन्होंने मनोज गुप्ता को कमजोर बनाने के लिए बैठकों में भाग लेना बंद कर दिया,बूथ कमेटी गठन नहीं किया, इन एक वर्ष के भीतर जिला कांग्रेस कमेटी ने महंगाई, बेरोज़गारी को लेकर पांच छः धरना प्रदर्शन किया जिसमें ये दोनों ब्लाक अध्यक्ष शामिल नहीं होते थे, पार्टी को कमजोर बनाने की हमेशा कार्य किया जा रहा था।यहां बताना ज़रूरी है कि मनोज गुप्ता गौरेला पेंड्रा मरवाही में सरल सहज और लोकप्रिय है उनकी संगठन और कार्यकर्ताओं में गहरी पैठ है जिस समय जोगी अलग पार्टी बना लिए थे तब गिनती के कांग्रेसी कार्यकर्ता बचे थे उन दिनों सभी कार्यकर्ताओं को एकजुट कर के रखने में मनोज गुप्ता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।दो वर्ष पूर्व मरवाही विधानसभा उपचुनाव में मनोज गुप्ता अपनी लोकप्रियता और कसे संगठन के बदौलत मरवाही विधायक को मरवाही ब्लाक से 25000 वोटों से लीड दिलाई थी जबकि पेंड्रा ब्लाक में 7000 एवं गौरेला ब्लाक में 3000 की लीड मिली थी।

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