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SECL सोहागपुर क्षेत्र के बंद पड़े धनपुरी भूमिगत कोयला खदान में दम घुटने से चार युवकों की मौत, धनपुरी यूजी माइंस में हुआ हादसा

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शहडोल/धनपुरी (Ravi tripathi)
एसईसीएल सोहागपुर क्षेत्र के बंद पड़े  धनपुरी यूजी माइंस में दम घुटने से चार युवकों की मौत हो गई। खदान के अंदर जहरीली गैस के कारण दम घुटने से मौत होना बताया जा रहा है।
ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) सोहागपुर एरिया अंतर्गत बंद पड़ी धनपुरी भूमिगत खदान (धनपुरी यूजी माइंस) के अंदर कोयला और कबाड़ चोरी करने की नियत से घुसे चार युवकों की खदान के अंदर ही मौत हो गई। संभवतः खदान की जहरीली गैस के कारण युवकों का अंदर ही दम घुटने से यह हादसा होना बताया जा रहा है।
जानकारी लगने के बाद कुछ ही देर में पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी मौके पहुंच गए, जिसके बाद गुरुवार देर रात से शुक्रवार सुबह तक पुलिस और कालरी की रेस्क्यू टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद शव को बाहर निकाला गया। मृतकों की पहचान धनपुरी निवासी हजारी कोल 30 वर्ष पिता कल्लू कोल निवासी दफई नंबर 4, कपिल विस्कर्म 21 वर्ष पिता सुखराम निवासी वार्ड 19, राज महतो 20 वर्ष पिता गणेश महतो निवासी वार्ड 16 और राहुल कोल 23 वर्ष पिता हीरालाल निवासी वार्ड 16 के थे। सभी मृतक धनपुरी थाना क्षेत्र के रहने वाले थे। हादसे के बाद मृतकों के शव को चिकित्सा महाविद्यालय शहडोल भेज दिया गया।
बता दें, धनपुरी यूजी माइंस को कोयला उत्पादन के बाद बीते करीब छह साल पहले ही बंद किया गया था। यहां गुरुवार रात बंकर के समीप माइंस के मुहाड़े की दीवार में होल करने के बाद मृतक चारो युवक कोयला और कबाड़ चोरी की नियत से अंदर घुसे थे। जबकि उनका एक साथी बाहर खड़े होकर चौकसी कर रहा था। जब काफी देर बाद भी चारो युवक बाहर नहीं आए और उसे किसी अनहोनी की आशंका हुई तो फिर इसकी जानकारी पुलिस तक पहुंची।
{ और कितनी मौतों का इंतजार….?
ज्ञात हो कि शहडोल के कोयलांचल में कोयला और कबाड़ की चोरी के काम को ‘कुटीर उद्योग ‘ सा माना जाने लगा है, चोरी के कबाड़ की खरीददारी करने वाले अवैध ठीहे फिर से संचालित हो रहे हैं, पूर्व शहडोल पुलिस अधीक्षक अवधेश गोस्वामी ने जिन अवैध कबाड़ियों के ठीहों को बंद करवाया है था वें वर्तमान मे धनपुरी थाना प्रभारियों के कार्यकाल तक यथावत बन्द थें, लेकिन पूरा कोयलांचल चर्चा कर रहा है कि वर्तमान धनपुरी थाना प्रभारी के पुनर्स्थापित होते ही कोई भी ‘पप्पू’ कबाड़ी बनके अवैध कबाड़ की खरीददारी करने की हिम्मत कैसे कर सकता है?  इन चार मौतों का जिम्मेदार कौन है स्थानीय पुलिस या काॅलरी प्रबंधन? चर्चा है कि पुलिस अधीक्षक ने अपने बयान मे मात्र एक कबाड़ी का नाम लिया लेकिन बांकी के तीन ‘कुख्यात कबाड़ियों’ का नाम तक नहीं लिए आखिर क्यों?
{ ‘माइंस क्लोजर’ के कार्यों की भी पोल खुल रही है }
मालुम हो कि एसईसीएल सोहागपुर क्षेत्र में  भूमिगत और खुली कोयला खदानों में कोयला खनन के बाद खदान बंद करने के लिए माइंस क्लोजर के नियमों के का ख्याल नहीं रखा जाता या कम रखा जाता है, जिससे अव्यवस्थित बंद कोयला खदानें चोरों के निशाने पर रहते हैं, जिससे इस तरह के हादसे हो रहे हैं, वहीं बंगवार आदि जैसे जंगलों में गोफ आदि की स्थिति नियमित तौर पर बनी ही रहती है, कोयलांचल का फेफड़ा कहे जाने वाला बंगवार का पूरा जंगल भूस्खलन के संकट से जूझ रहा है, जिसके नीचे बंगवार भूमिगत खदान संचालित हैं।
{ इनका कहना है }
प्रथम दृष्टया राजा मुसलमान का नाम सामने आया है, जांच की जा रही है, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कुमार प्रतीक 
(पुलिस अधीक्षक शहडोल)

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