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संवादहीनता ने ली थी नवजात की जान,तो वही बना छात्र के आत्महत्या का कारण….. एक अधीक्षका पर हुई कार्यवाही तो दूसरे पर नही आई आंच,  अधीक्षको की संवादहीनता, विद्द्यार्थियो का भविष्य कर रही बर्बाद

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शहडोल ।जिले में पिछले कुछ माह से अधीक्षकों की संवाद हीनता के कारण शासकीय छात्रावासों में रहने वाले छात्र छात्राओं के भविष्य बर्बाद करने वाली घटनाए सामने आ रही है। जिसमे पहली घटना लगभग तीन माह पूर्व जिले के जैतपुर स्थित एकलव्य छात्रावास में घटित हुई थी। जिसमे एक ग्राम कदौडी निवासी 15 वर्षीय छात्र ने छात्रावास के अंदर फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। वही तीन माह बाद मुख्यालय में स्थिति कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में एक अविवाहित छात्रा ने नवजात की जन्म देने के बाद लोक लज्जा के भय से उसे मौत के घाट उतारकर छात्रावास कर पीछे झाड़ियों में फेंक दिया था। मामला सामने आने के बाद पुलिस हरकत में आई और जहां छात्रा को हत्या के मामले मे गिरफ्तार किया वही उसके साथ दुराचार करने वाले छात्रा के गांव के ही रहने वाले आरोपी युवक को महाराष्ट्र से गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुँचा दिया ।पुलिस ने तो अपनी जिम्मेदारी की निभाते हुए नवजात की हत्या से जुड़े दोनों आरोपियों पर कार्यवाही की । वही दूसरी ओर संबंधित विभाग की जांच में यह तथ्य सामने आया कि यदि छात्रावासी छात्राओ के साथ अधीक्षिका द्वारा समय समय पर संवाद करते हुए उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता तो शायद ऐसी स्थिति निर्मित नही होती। इसके लिए कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की अधीक्षका अमिता तिवारी को दोषी मानते हुए उन्हें गत दिवस निलंबित कर दिया गया। इस संवादहीनता का उल्लेख पत्र में भी किया गया है ।लेकिन ऐसी ही संवादहीनता के कारण जैतपुर स्थिति एकलव्य बालक छात्रावास में कक्षा 9 वी के छात्र द्वारा आत्महत्या किए जाने क बाद वहा के प्राचार्य एवम अधीक्षक के खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही नही की गई। वही इस बात की भी जानकारी उस समय समय आई थी कि थी कि घटना दिनांक को वह शासकीय कार्य से भोपाल गए थे लेकिन उन्होंने उक्त अवधि में अपना प्रभार किसी अन्य शिक्षक को नही सौंपा था। जिस कारण उक्त अवधि में छात्रावासी छात्रों से पूर्ण रूप से संवाद हीनता हो गयी थी ।संभवतः छात्रावासअधीक्षक की लापरवाही के कारण वहां छात्र ने फांसी लकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। इस प्रकार इन दोनों घटनाओं ने यह साफ कर दिया है कि छात्रावास के अधीक्षकों की संवादहीनता के कारण ऐसी स्थितियां निर्मित हो रही है ।लेकिन कार्यवाही अब तक एक मामले में ही हो पाई है। भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए लापरवाह अधीक्षकों पर कड़ी कार्यवाही विभाग द्वारा की जानी चाहिए ।

 

कलेक्टर व एसडीएम ने किया था निरीक्षण 

कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास शहडोल एवम जैतपुर में हुई घटना के बाद बीते दिनों कलेक्टर एवम एसडीएम द्वारा छात्रावासों का निरीक्षण कर वहां मौजूद छात्र छत्राओ से वहां उपलब्ध व्यवस्थाओं के सम्बंध में जानकारी ली थी ।जिस पर कई खामियां सामने आई थी। जिस पर कलेक्टर ने समस्त छात्रावास अधीक्षकों को निर्देश दिया था कि छात्रावासी छात्र छात्राओ से नियमित रूप से संवाद रखे ।वही इन्हें यहां शासन द्वारा दी जाने वाली समस्त सुविधाओ का लाभ दिलाना भी सुनिश्चित करें । साथ ही छात्रावासों में स्वक्षच्छ पेयजल की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाए ।

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