एसईसीएल सोहागपुर क्षेत्र में संचालित बंगवार भूमिगत कोयला खदान के अंदर सीएम मशीन के संचालन मे बतौर निविदा कंपनी काम कर रही जेएमएस के एक ठेका कर्मी टीकम सिंह 32 वर्ष की मृत्यु सीएम मशीन की चपेट में आने से बीते बुधवार 30-11-2022 को सुबह करीब 7 बजे को हो गई। घटना के बाद पूरे दिन बंगवार खदान में गहमा-गहमी का माहौल रहा।
बताया गया कि ग्राम अरझुली निवासी टीकम सिंह की मृत्यु मौके पर ही हो गई थी, फिर भी उसे सेन्ट्रल हास्पिटल न ले जाकर मेडिकल कॉलेज शहडोल ले जाया गया आखिर क्यों? वहीं मृतक के साथ मौजूद साथी मजदूरों को बुढ़ार से वापस लौटा दिया गया क्यों?
{घर वालों का इकलौता सहारा था मृतक टीकम सिंह}
मालुम हो कि मृतक टीकम सिंह की करीब तीन साल की बच्ची है, वृद्ध माँ है और पत्नी है, टीकम सिंह घर का अकेला कमाने वाला था, टीकम सिंह के पिता की मृत्यु भी टीकम के जन्म से पहले हो गई गई थी, पूरा घर बेसहारा हो चुका है, घटना के बाद पत्नी और माँ का रो-रो के बुरा हाल है। वहीं घर और गांव वालों का आरोप है कि काॅलरी प्रबंधन टीकम की मृत्यु को अस्पताल में होना बता के मामले को दबाने में लगी है, क्योंकि जब मृत्यु को अस्पताल में होना बताया जाएगा तो मुआवजा राशि मिलने से पहले ही अड़चन लग गया रहेगा। वहीं प्रबंधन का कहना है कि अभी मृतक के परिवार को त्वरित तौर पर बीस हजार रुपए की मुआवजा राशि दी गई है और एक महीने के अंदर सभी तरह की मुआवजा राशि उपलब्ध करा दी जाएंगी और घर के किसी एक सदस्य को बतौर निविदा श्रमिक नौकरी भी दी जाएगी। इसपर घर वालों का कहना है कि टीकम की मृत्यु के बाद हमारा पूरा घर ही उजड़ चुका है प्रबंधन नौकरी किसे देगी?
(उत्पादन के आगे सुरक्षा को दरकिनार?
मालुम हो की बंगवार खदान में बीते अप्रैल में भी खदान धसकने की एक बड़ी दुर्घटना हुई थी गनीमत थी की कोई श्रमिक उसकी चपेट में नहीं आया था, अब यह घटना भी प्रबंधन की जल्दबाजी, लापरवाही और उत्पादन की गलाकाट प्रतियोगिता का नतीजा बताई जा रही है! कोयलांचल में चर्चा है कि इस मामले में प्रबंधन द्वारा खदान के भीतर हुई मौत को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। जब प्रबंधन का यही रवैया है तो ठेका कंपनी जेएमएस की भूमिका का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। ठेका श्रमिक के साथ काम करने वाले प्रत्यक्षदर्शी श्रमिकों ने प्रबंधन की लापरवाही से मौत की बात कही है।