ABVP इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय इकाई द्वारा पुस्तकालय का समय बढ़ाने के लिए सौंपा गया ज्ञापन

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शहडोल (sadik Khan)
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय इकाई द्वारा आज विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष केन्द्रीय पुस्तकालय के खुले रहने का समय बढ़ाने के संबंध में प्रदर्शन और नारेबाज़ी कर के ज्ञापन सौंपा गया।
{क्या कहा गया है ज्ञापन में..?}
दिए गये ज्ञापन में कहा गया है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है, जो कि समय समय पर विद्यार्थियों की समस्याओं एवं छात्रहित के विषयों को विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष रखता है एवं छात्रहितों के लिये संघर्षरत है, विश्वविद्यालय में सेमेस्टर परीक्षा का समय है, परन्तु पुस्तकालय खुले रहने का समय कम होने के कारण विद्यार्थियों को लायब्रेरी में अध्ययन करने मे समस्या हो रही है, वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों को छात्रावास आवांटित नहीं करने के कारण छात्र कैम्पस के बाहर रहने के लिये मजबूर हैं और लायब्रेरी में आकर अध्ययन करते हैं, परन्तु उन छात्रों को लायब्रेरी जाने से रोक दिया जाता है जिस कारण से छात्रों को अध्ययन करने मे समस्या हो रही है, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद छात्रहितों में विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष यह मांग करती है कि लायब्रेरी सप्ताह के सभी दिवस खोली जाये और केन्द्रीय पुस्तकालय का समय सुबह 7 बजे से रात्रि के 11 बजे तक किया जाये एवं कैम्पस के बाहर रहने वाले छात्रों को पुस्तकालय में अध्ययन करने से ना रोका जाये, विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रहितों की समस्याओं का गंभीरता से संज्ञान लेकर समाधान सुनिश्चित करे, अन्यथा विद्यार्थी परिषद छात्रहितों में आंदोलन के लिये बाध्य होगें।
वि.वि. प्रशासन के छात्र विरोधी रवैया को दर्शाता है- (ऋतुराज पटेल)
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ऋतुराज पटेल ने बताया कि विश्वविद्यालय मे सेमेस्टर परीक्षा का समय है परंतु लाइब्रेरी का समय कम होने के कारण विद्यार्थियों को स्वाध्याय मे समस्या होती है, परिषद् के कार्यकर्ताओं द्वारा कई बार यह विषय से अवगत कराया गया लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन के अड़ियल रवैया के कारण छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है, वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों को छात्रावास आवंटित नहीं करने के कारण कैंपस के बाहर रह रहे छात्रों को विश्वविद्यालय में प्रवेश करने से रोक दिया जाता है जिससे वह लाइब्रेरी में आकर अध्ययन नहीं कर पाते, यह विश्वविद्यालय प्रशासन के छात्र विरोधी रवैया को दर्शाता है। ऋतुराज पटेल ने यह भी कहा कि प्रशासन द्वारा लगातार छात्रों की आवाज दबाने की कोशिश की जाती है परंतु छात्र हित का कार्य आने पर कदम पीछे कर लिए जाते हैं, इस विषय को लेकर विद्यार्थी परिषद ने प्रदर्शन किया और अगर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जल्द मांगे पूरी नहीं की जाती विद्यार्थी परिषद् उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी।

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