धनपुरी थाना क्षेत्र में ग्राम बेम्हौरी के ज्वालामुखी मंदिर मे चोरों ने लगाई सेंध (क्षेत्र में फिर बढ़ रहा अपराध का ग्राफ)

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(शहडोल/धनपुरी- रवि त्रिपाठी)
धनपुरी थाना क्षेत्र के बेम्हौरी, गरफंदिया, बंगवार सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार चोरी और सेंधमारी की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है, बीते 23 और 24 अक्टूबर की रात बेम्हौरी स्थित प्रसिद्ध ज्वालामुखी मंदिर में चोरों ने सेंध मारकर दानपेटी से 5 से 6 हज़ार रुपए पार कर दिए, अच्छी बात यह है कि इस बार धनपुरी पुलिस ने इस मामले में बकायदा एफआईआर दर्ज कर के अज्ञात चोरों पर भा.द.स. 1860 की धारा 457, 380 के तहत मामला दर्ज किया है।
मालुम हो की बीते दिनों बेम्हौरी में जल जीवन मिशन के पंप हाउस में काॅपर की केविल आदि चोरी हुई थी जिसकी शिकायत लिखाए जाने पर धनपुरी पुलिस ने शिकायत लिखना भी मुनासिब नहीं समझा था, इसके बाद दोबारा चोरों ने उक्त पंप हाउस का ताला तोड़ कर तोड़फोड़ किया था, इस तरह आंगनबाड़ी केंद्र गरफंदिया से सिन्टेक्स टंकी चोरी की लिखित शिकायत भी की गई जिसपर कार्रवाई आजतक सिफर हैं। क्षेत्र मे चोरी की घटनाएं और चोरों के हौसले दिनोदिन बढ़ते रहे हैं।
{इनके आने पर ही क्यों बढ़ता है अपराध का ग्राफ?}
मालुम हो कि कोयलांचल के ग्रामीण क्षेत्रों में इन्हीं के पूर्व कार्यकाल मे आधा दर्जन चोरियां बंगवार और बेम्हौरी मे हुई थी। बंगवार काॅलोनी मे चोरों का हौसला इस कदर बुलंद था कि चोरी के दौरान जिस मोटरसाइकिल का लाॅक नहीं टूटता था उन्हें वहीं जला देते थें। बंगवार काॅलोनी के गेट में एक पान ठेले में साल में दो-दो बार सेंधमारी जाती थी।
क्षेत्र में जनचर्चा है कि इन्हीं के ‘अंधेरकाल’ में कोयलांचल के ग्रामीण क्षेत्रों मे कोरेक्स ने कदम रखा था, कहने और दिखाने को कार्रवाई तो होती थी लेकिन यह सब कानून का भ्रम बनाए रखने के लिए होता था! चार नये ठीहे शुरू करा के एक पुराने ठीहे पर कार्रवाई करने-दिखाने की स्कीम हमेशा से चर्चा का विषय रही है। इन्हीं के पूर्व कार्यकाल में बंगवार-बेम्हौरी क्षेत्र में घटित एक दर्जन से ज्यादा चोरी और सेंधमारी की घटनाओं का खुलासा इनके जाने के बाद तीन थाना प्रभारियों ने अपने-अपने कार्यकाल में थोक के भाव में किया। अब उसी तरह चोरी की घटनाएं फिर से शुरू हैं जनता को इंतजार है कि जब ये जाएंगे तभी चोर पकड़े जाएंगे और खुलासा हो पाएगा, इनके रहते असंभव सा है, जनता सोच रही है ‘यह रिश्ता क्या कहलाता है?
{नदी-नालों से रेत चोरी भी चरम पर है}
मालूम हो कि धनपुरी थाना क्षेत्र के बेम्हौरी में इनके जाने के बाद से रेत चोरी के मामलों में अप्रत्याशित कमी आई थी, लेकिन इनके आने के बाद रेत चोरों ने पता नहीं क्या सेटिंग्स बैठाए हैं कि बेम्हौरी, बंडी सहित आसपास गांव में चोरी के रेत नदी-नालों से निकालकर गली-गली गिराए जा रहे हैं, क्षेत्र के अवैध तरीके से रेत निकासी और लगातार घट रही चोरी-सेंधमारी की घटनाओं में हो रहे इजाफे से इस बात से नकारा नहीं जा सकता कि कुछ तो ‘गुप्त सहमतियां’ बनी हुई हैं? यदि नहीं, तो बिना सहमति के इतनी निर्भयता कैसे?

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