शहडोल कलेक्टर ने बुढ़ार तहसीलदार दीपक पटेल के नाम जारी किया नोटिस (मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान में रुचि नहीं लेने का है मामला)

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शहडोल/बुढ़ार (रवि त्रिपाठी)
मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान में रुचि नहीं लेने पर शहडोल कलेक्टर वंदना वैद्य ने बुढ़ार तहसीलदार और शहडोल नगर पालिका सीएमओ को नोटिस जारी किया है। कलेक्टर ने दोनों अधिकारियों को फटकार लगाई है। साथ ही दीपावली के पहले बेहतर काम करने की हिदायत दी है।
बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सबसे सफल ‘मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान’ के तहत शिविर लगाकर जन-जन तक योजनाओं का लाभ दिलाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा। शहडोल कलेक्टर स्वयं इस अभियान के तहत लोगों को योजना का लाभ दिलाने के लिए मैदान में उतर कर कार्य करा रही हैं। वहीं जिले के कुछ अधिकारी इस महा अभियान में रुचि नही ले रहे हैं। इस अभियान में रुचि नही लेने वाले अधिकारियों की सूची में बुढार तहसीलदार दीपक पटेल सहित शहड़ोल नगरपालिका अधिकारी अमित तिवारी को नोटिस जारी करते हुए फटकार लगाई है। साथ ही दीपावली के पहले बेहतर कार्य करने की हिदायत दी है।
{सीएम पोर्टल की शिकायत विलोपित करने में माहिर बुढ़ार तहसील के अधिकारी-कर्मचारी}
मालुम हो कि बुढ़ार तहसील अंतर्गत कई ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग-लगभग शासकीय खबरा नंबर की जमीनें अवैध कब्जे की शिकार हैं लेकिन, उदाहरण के तौर पर बुढ़ार तहसील के ही बेम्हौरी हलका में मुख्य सड़कों के किनारे अवैध कब्जा होने के कारण सड़के दिनों-दिन सिकुड़ रही हैं, वहीं उक्त हलका के ही राजस्व ग्राम गरफंदिया की लगभग सभी शासकीय जमीनों में अवैध कब्जा है विशेषकर गरफंदिया से तुम्मीवर मार्ग में बाल्मीक तिवारी के खेत से लगी शासकीय खसरा नंबर 320 और 323 जिसमें आज दशकों से अवैध कब्जा बढ़ाया जा रहा है, जिसपर ग्रामीणों का आरोप है कि उक्त अवैध कब्जे में हलका पटवारी और संबंधित कोटवार की भी भूमिका संदिग्ध है, यदि नहीं तो वह रिपोर्ट सार्वजनिक करें जिसमे इन्होंने अवैध कब्जे की सूचना अपने कार्यालय के अधिकारियों को दी हो? वहीं ग्रामीणों का यह भी कहना है कि इस संबंध में कुछ शिकायत भी सीएम पोर्टल में दर्ज कराई गई थी, लेकिन शिकायत मे मनगढ़ंत निराकरण लिख के बगैर सहमति-असहमति पूछे शिकायत को विलोपित कर दिया जाता है।

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