देखने व परखने के साथ सुविधाओ पर डाल रहे पैनी नजर ……मेडिकल कालेज में एनएबीएच की टीम का तीन दिवसीय निरीक्षण हुआ शुरू

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शहडोल, सादिक खान । सम्भागीय मुख्यालय स्थित बिरसा मुंडा शासकीय चिकित्सा महाविद्द्यालय को नेशनल एक्रोडिटेशन बोर्ड फ़ॉर हॉस्पिटल्स ( एनएबीएच ) की मान्यता दिलाने कालेज प्रबंधन काफी दिनों से मेहनत कर रहा है। इसके लिए डीन डॉक्टर मिलिंद सिरलाकर के मार्गदर्शन में एनएबीएच में आवेदन किया गया। जिसके बाद एनएबीएच की चार सदस्य टीम शुक्रवार को शहडोल पहुची । चार सदस्यीय यह टीम शुक्र ,शनिवार रविवार को तीन दिनों तक मेडिकल कालेज का निरीक्षण करेगी। शुक्रवार को चार सदस्यीय टीम वहां बारीकी से निरीक्षण किया। वहां भवन से लेकर उपलब्ध एक- एक चिकित्सीय सुविधाओ को देखा और परखा है। टीम के द्वारा शुरुआती बैठक भी ली गई जिसमें महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक उपस्थित रहे। टीम ने यह बारीकी देखी की वाकई जिन सुविधाओ के उपलब्द्ध होने की बात कहते हुए मेंडिकल कालेज प्रबंधन एनएबीएच की मान्यता लेने की कोशिश कर रहा है वह स्वास्थ्य सुविधाएं वास्तविक रूप में यहां उपलब्ध है अथवा नही। प्रथम दिवस टीम को निरीक्षण के दौरान काफी संतोष जनक चिकित्सीय सुविधाए यहां नजर आई है । शनिवार को भी टीम निरीक्षण कर अन्य सुविधाओं का जायजा लेगी । विदित हो कि अब तक प्रदेश में एनएबीएच की मान्यता के लिए कोई भी शासकीय चिकित्सा महाविद्द्यालय खरा नहीं उतर पाया है । जिस कारण किसी भी मेडिकल कालेज को एनएबीएच का सर्टीफिकेट नही मिल सका है। अगर हमारे संभाग के इस शासकीय चिकित्सा महाविद्द्यालय को एनएबीएच से सर्टिफिकेट मिल जाता है तो यह सम्भाग वासियो के लिए गौरव की बात होगी। जानकारों के अनुसार एनएबीएच की टीम का निरीक्षण इतना बारीकियो से होता है कि उसकी कसौटी पर खरा उतर पाना इतना आसान नही होता है। शायद यही कारण है कि प्रदेश के किसी भी शासकीय मेडिकल कालेज को एनएबीएच की सर्टिफिकेट आज तक नही मिल पाई है । एनएबीएच की चार सदस्यीय टीम में डाक्टर बिनम्मा कुरियन ( अध्यक्ष), डाक्टर सुनील बांदेकर, डाक्टर वंदना टांडेल तथा डाक्टर गोपी नॉलियन शामिल है।

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