शहडोल। सादिक खान
शहडोल। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय (जीएमसी) शहडोल मे आग लगने की स्थिति में सुरक्षा के महत्व को समझते हुए एक विशेष फायर सेफ्टी ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कॉलेज के चिकित्सा अधिकारियों, कर्मचारियों और छात्रों को आग लगने की स्थिति में सुरक्षा उपायों और प्रतिक्रिया प्रक्रियाओं के बारे में जागरूक करना था।
कार्यक्रम का संचालन अधिष्ठाता डॉ. जीबी रामटेक के मार्गदर्शन में किया गया। उन्होंने उद्घाटन भाषण में कहा, सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी छात्र और कर्मचारी फायर सेफ्टी नियमों से पूरी तरह अवगत हों।
फायर सेफ्टी प्रशिक्षण में अस्पताल प्रबंधक डॉ. साबिर खान ने प्रतिभागियों को आग लगने के विभिन्न कारणों, आग बुझाने के उपकरणों के सही उपयोग और सुरक्षित निकासी प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, हमारी पहली प्राथमिकता अस्पताल में मरीजों और कर्मचारियों की सुरक्षा है। हम नियमित रूप से ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करते रहेंगे ताकि सभी चिकित्सक और कर्मचारी आपातकालीन स्थितियों का सामना कर सकें।
प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण सत्र में मॉक ड्रिल का अनुभव किया, जहां उन्हें असली स्थिति का सामना करते हुए अपनी प्रतिक्रिया देने का मौका मिला। यह अभ्यास उन्हें आपातकालीन स्थितियों में उचित कार्रवाई करना सिखाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ।
इस कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। प्रतिभागियों ने प्रश्नोत्तर सत्र के माध्यम से अपने संदेहों का समाधान भी किया। डॉ. रामटेक ने इस पहल को सराहते हुए कहा, इस तरह के कार्यक्रम हमें किसी भी संभावित आगजनी की घटना से लड़ने के लिए तैयार करते हैं।
इस फायर सेफ्टी ट्रेनिंग प्रोग्राम में अस्पताल अधीक्षक डॉ. नागेंद्र सिंह, फायर सेफ्टी नोडल डॉ. अवतार जयसिंघानी तथा कॉलेज के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम मेडिकल कॉलेज शहडोल द्वारा अपनी सुरक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकार के प्रयास निश्चित रूप से संभावित दुर्घटनाओं के प्रभाव को कम करने में सहायक सिद्ध होंगे।
अंत में, डॉ. रामटेक ने सभी प्रतिभागियों को सीखी गई बातों को गंभीरता से लेने का आग्रह करते हुए कहा, एकजुट होकर हम अग्नि सुरक्षित भारत का निर्माण कर सकते हैं। इस प्रकार, यह कार्यक्रम न केवल ज्ञानवर्धक था, बल्कि सभी के लिए सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी साबित हुआ।
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