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नवजात मे गंभीर रोगों की आसानी से कर सकते हैं पहचान : डॉ. रामटेके,,,बिरसामुंडा मेडिकल कॉलेज शहडोल में दो दिवसीय केयर ऑफ न्यूबोर्न प्रशिक्षण आयोजित

 


शहडोल। सादिक खान 

शहडोल। जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशुओं की सामान्य एवं आवश्यकता होने पर आकस्मिक देखभाल के सही तरीके से की जाए तो बड़े हीं सरलता के साथ नवजातो का उपचार किया जा सकता हैं। वहीं दूसरी ओर उनमे होने वाले ह्रदय समेत अन्य गंभीर रोगों की पहचान भी आसानी से की जा सकती हैं। उक्त बातें मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर गिरीश रामटेके ने कहीं। वह बिरसामुंडा मेडिकल कॉलेज आयोजित दो दिवसीय केयर ऑफ न्यूबोर्न प्रशिक्षण शिविर को सम्बोधित कर रहे थे। डॉ रामटेके द्वारा बताया गया कि भविष्य में इस तरह के होने वाले प्रशिक्षणों से प्रशिक्षित चिकित्सकों एवं नर्सिंग ऑफिसर द्वारा नवजात शिशुओं की प्रसव के समय होने वाली मृत्यु से बचाया जा सकेगा, शिविर मे वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.एच.पी. सिंह (पूर्व शिशु रोग विभागअध्यक्ष मेडिकल कॉलेज रीवा, डॉ.उमेश नामदेव (वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ), डॉ.स्वेतलीना (असिस्टेंट प्रोफ़ेसर शिशु रोग विभाग मेडिकल कॉलेज, शहडोल) डॉ.हरि नारायण (शिशु रोग विशेषज्ञ, मेडिकल कॉलेज) द्वारा जिले के विभिन्न प्रसव केंद्रों एवं नवजात शिशुओं के उपचार हेतु उपलब्ध विभिन्न इकाइयों (एन.आईसीयू,एसएनसीयू एवं एनबीएसयू ) पर कार्यरत चिकित्सक एवं नर्सिग ऑफिसर को प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम के समय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के अधीक्षक डॉ नागेंद्र सिंह, अस्पताल प्रबंधक डॉ साबिर खान एवं इंडिया हेल्थ एवं एक्शन ट्रस्ट की राज्य एवं जिला स्तरीय टीम उपलब्ध थी, सभी ने कार्यक्रम के सुचारु संचालन हेतु शुभकामनाएं दी। अस्पताल अधीक्षक तथा अस्पताल प्रबंधक ने कहा कि नवजातो के उपचार से सम्बंधित ऐसे प्रशिक्षण भविष्य में भी आयोजित कराए जाए।



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