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लापरवाह मास्साब स्कूल मे उतत्पन्न कर रहा बाधा ,,,साजिश रचने के बाद की झूठी शिकायत

 


शहडोल। कुछ सरकारी सरकारी मुलाजिम सरकार से मोटा वेतन लेने के बाद भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन नही करना चाहते हैँ। और अगर उन्हें उनका कर्तव्य याद दिलाया जाता है तो फिर वह अपने ही सहकार्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने पर आमादा हो जाते हैँ। ऐसे ही एक कर्तव्यहीन शिक्षक योगेंद्र सिँह,संभाग के अनूपपुर जिले के ग्राम धिरौल स्थित शासकीय हाई स्कूल मे पदस्थ हैँ। जो केवल विद्द्यालय मे उपस्तिथि पंजी मे हस्ताक्षर कर हर दिन घर चले जाते हैँ। ज़ब विद्द्यालय की प्राचार्य संध्या पाण्डेय ने उक्त शिक्षक को उनका कर्तव्य याद दिलाते हुए विद्द्यालय से समय पर आने की बात कही तो वह आग बबूला हो बैठा । इतना ही नही प्रचार्य द्वारा याद दिलाए गए  कर्तव्य से वह इस कदर नाराज हुआ कि प्रचार्य के खिलाफ ही अपने कुछ साथी कर्मचारियो के साथ मिलकर साजिश रचकर झूठी शिकायत कर दी।                        

 विवादों से है घिरा है कार्यकाल 

पता चला है कि वर्तमान समय शासकीय हाई स्कूल धिरौल मे पदस्थ रहे प्राथमिक शिक्षक व लैब सहायक योगेंद्र सिँह का विवादों से पुराना नाता रहा है। पूर्व मे यहाँ पदस्थापना के दौरान भी उक्त कर्तव्यहीन शिक्षक का ऐसा ही रवैया था। जिसके बाद वारिष्ठ अधिकारियों तक यह बात पहुँचने के बाद उसे विद्द्यालय से हटाकर सहायक आयुक्त कार्यालय मे अटैच कर दिया गया था। करीब एक वर्ष तक वहाँ रहने के बाद पुनः सांठ गाँठ से बीते मार्च माह मे वह फिर से धिरौल उसी विद्द्यालय मे पहुंच गया। यहाँ आने के बाद पुनः अपनी वही हरकत शुरू कर दी, जिस कारण उसे यहाँ से हटाया गया था। विद्द्यालय की प्रचार्य श्रीमती पांडेय ने उसे कई बार कर्तव्य का पाठ पढ़ाया लेकिन वह बाज नही आ रहा था। पता चला है कि उक्त शिक्षक का उसी गाँव धिरौल मे ससुराल भी है,  जिस कारण वह अपने परिचितों व संबंधियों के साथ मिलकर प्रचार्य के ऊपर दबाव बनाने का भी प्रयास करता रहता था। ज़ब वह इसमें कामयाब नही हुआ तो बीते दिनों प्रचार्य के ऊपर समय पूर्व विद्द्यालय बंद करने का आरोप लगाते हुए इसकी झूठी शिकायत की गयी। हालाकि प्रचार्य के ऊपर लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया  जांच मे ही फर्जी निकली। क्योकि विद्द्यालय से जाने के बाद जहाँ विद्द्यालय संबंधी कंप्यूटर सेंटर मे कार्य कराए जाने का प्रमाण भी प्रचार्य द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के सामने प्रस्तुत किया गया। 

उपस्थिति पंजी मे अनुपस्थित के ऊपर किया हस्ताक्षर

उस कर्तव्यहीन शिक्षक की मनमानी का अंदाज इसी से लगाया जा सकता हैँ कि वह बीते माह 15 अप्रैल से 23 अप्रैल तक तीन दिवस चुनाव ड्यूटी को छोड़कर विद्द्यालय मे अनुपस्थित रहा। जिस कारण प्रचार्य द्वारा उपस्थिति पंजी मे उसे अनुपस्थित कर दिया गया, लेकिन शिक्षक योगेंद्र सिँह ने हठधार्मिता दिखाते हुए रजिस्टर मे ओवर राइटिंग करते हुए उसमे अपने हस्ताक्षर कर दिए। जिसका प्रमाण प्रचार्य द्वारा अपनी लिखित शिकायत के साथ अपने वारिष्ठ अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए कार्यवाही की मांग की गयी है।

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