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स्वास्थ्य कर्मियों के लाखों रुपए डकार गया लेखापाल,, जिला स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय का मामला, रीवा से शहडोल पहुंची जांच टीम


 

शहडोल। सादिक खान 

शहडोल। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय मे पदस्थ लेखापाल जालसजी करते हुए लगभग दो दर्जन स्वास्थ्य कर्मचारियो के टीए,डीए एवं रियर्स के लगभग चालीस लाख रुपए फर्जीवाड़ा करते हुए डकार गया। रीवा स्थित कोष एवं लेखा विभाग की जांच मे इस जालसजी का खुलासा हुआ है। मामला सामने आने के बाद अब जालसाज लेखापाल फरार हो गया है। जानकारी के अनुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय शहडोल मे सत्येंद्र चक्रवर्ती लेखापाल के रूप मे पदस्थ है, जबकि उसकी पत्नी शहरी क्षेत्र शहडोल मे ही एएनएम है। उक्त लेखापाल ने जालसाजी करते हुए स्वास्थ्य विभाग मे पदस्थ करीब 22 स्वास्थ्य कर्मियों का वर्ष 2018 से अब तक का टीए,डीए, एवं एरियर्स के करीब 40 लाख रुपए जालसजी करते हुए अपने एवं अपनी पत्नी के खाते मे ट्रांसफर करा लिए। बीते दिनों ज़ब लेखापाल की जालसजी को रीवा स्थित कोष एवं लेखा विभाग के वरिष्ठ कर्मचारियों ने पकड़ी तो उनके कान खड़े हो गए। जिसके बाद वहाँ से इस मामले की जांच के लिए 6 सदस्यीय टीम मंगलवार सुबह सीएमएचओ कार्यालय शहडोल पहुंची। और सीएमएचओ डॉ. एके लाल को जानकारी देते हुए जांच पड़ताल शुरू की । सीएमएचओ ने कलेक्टर को जानकारी देने के साथ ही कोतवाली थाने में इस जालसजी की सूचना दर्ज कराई। बताया गया है कि 6 साल में बाबू द्वारा लगभग 40 लाख रूपए से ज्यादा राशि स्वयं व पत्नी के खाते में ट्रांसफर किया गया है। मामला सामने आने के बाद बाबू फरार बताया जा रहा है।कोतवाली थाना प्रभारी राघवेंद्र द्विवेदी ने बताया कि सीएमएचओ ने जानकारी दी है, हमने कहा है कि विभागीय स्तर पर जांच कर रिपोर्ट हमें प्रेषित करें, तत्पश्चात आगे कानूनी कार्यवाही कार्रवाई की जाएगी। बाबू ने पत्नी और अपने खाते में पैसे ट्रांसफर किए है।

ऐसे करता था जालसजी 

पता चला है कि कर्मचारियों के वेतन का बिल लगाए जाने के दौरान आरोपी लेखापाल सत्येंद्र चक्रवर्ती कर्मचारी का नाम तो सही लिखता था, लेकिन बैंक का खाता नंबर कर्मचारियो के स्थान पर स्वयं व पत्नी का डालकर मोबाइल नंबर भी फीड कर देता था। इससे ओपीटी उसी मोबाइल में आने के बाद खाता अपडेट हो जाता था और वेतन की राशि ट्रांसफर हो जाती थी। वही इस पूरे मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर ऐके लाल से जब बातचीत की गई तो उनका कहना था कि रीवा कोषालय की टीम जांच करने आई है। जांच रिपोर्ट के बाद ही हकीकत सामने आएगी। पुलिस को मामले की जानकारी दी गई है।

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