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रेलवे पटरी के किनारे तन गया स्कूल, रेलवे के अधिकारी कुंभकर्णी नींद में

 


शहडोल। सादिक खान 

शहडोल। रसूखदारों का दुस्साहस अब यह है कि वह रेलवे पटरी के किनारे भी अतिक्रमण कर रहे हैं। इनके दुस्साहस का यह आलम है कि इन रसूखदारों ने रेलवे पटरी के किनारे स्कूल का निर्माण कर बच्चों के भविष्य पर भी दांव लगा दिया है। रेलवे की भूमि पर पटरी के किनारे किए गए अतिक्रमण की शिकायत कमिश्नर शहडोल से की गई है। इस शिकायत के बाद एक सवाल यह भी उठ रहा है की पटरी के किनारे छोटीं झुग्गी झोपड़ी तो रेलवे के अधिकारियों को तत्काल नजर आ जाती है, लेकिन जब इतना बड़ा अतिक्रमण पटरी के किनारे पर किया गया है तब रेलवे के अधिकारियों को यह खतरनाक अतिक्रमण क्यों नजर नहीं आ रहा है।राजकुमार बैगा द्वारा कमिश्नर शहडोल से की गई शिकायत में उल्लेख किया गया है कि नोरोजाबाद एसईसीएल में एक श्रमिक यूनियन का नेता होने का रौब दिखाकर अरुण मिश्रा नामक व्यक्ति द्वारा अवैध वसूली के साथ ही एसईसीएल की जमीन पर अवैध निर्माण कर कब्जा किया गया है। इनके द्वारा एस ई सी एल की भूमि पर नियम विरुद्ध तरीके से दुकान और बारात घर बनाकर उसका संचालन किया जा रहा है। जिसके लिए एसईसीएल और नगर परिषद नोरोजाबाद बेदखली की कार्रवाई के लिए पत्र भी लिखा गया लेकिन नेता के रसूख के चलते आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई और अवैध निर्माण जस का तस बना हुआ है।कमिश्नर से की गई शिकायत में राजकुमार बैगा ने यह उल्लेख भी किया है कि श्रमिक यूनियन का रौब झाड़ने वाले अरुण मिश्रा नामक नेता का दुस्साहस इस कदर बढ़ गया है कि ये लोग रेलवे की भूमि में रेलवे पटरी के किनारे स्कूल का निर्माण कर स्कूल का संचालन कर रहे हैं। इस स्कूल के एक तरफ जहां मुख्य मार्ग है तो वहीं दूसरी तरफ रेलवे की पटरी है जिससे मासूम बच्चों के जीवन पर भी संकट खड़ा हो गया है। शिकायतकर्ता राजकुमार ने कमिश्नर से कार्रवाई की मांग करते हुए अवैध कब्जा को हटाने की मांग की है।



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